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गुरुवार, 24 जून 2010

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा विद्यार्थी मित्रों की मांगों का समर्थन

बीकानेर समाचार ने आज यह समाचार छापा है :
बीकानेर । सेवा सुरक्षित रखने की मांग को लेकर पिछले एक माह से आंदोलन कर रहे विद्यार्थी मित्र और भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की मांग कर रहे प्रशिक्षित बेरोजगार बुधवार को आमने-सामने हो गए। विद्यार्थी मित्रों की मांग का विरोध करने के कारण माहौल तनावपूर्ण हो गया। प्रशिक्षित बेरोजगारों ने न केवल विद्यार्थी मित्रों की मांगों का विरोध किया बल्कि उनका समर्थन कर रहे विधायकों के खिलाफ भी प्रदर्शन किया। करीब एक घंटे तक चले इस प्रकरण में 400 से अधिक पुलिस, आरएसी और एसटीएफ के जवान आंदोलनकारियों के बीच दीवार बने खडे रहे। प्रशिक्षित बेरोजगारों के मौके से हटने के बाद माहौल कुछ शांत हुआ। उधर, वामपंथी नेताओं के नेतृत्व में विद्यार्थी मित्रों का महापडाव कलक्ट्री परिसर में बुधवार को भी जारी रहा। विधायक अमराराम व पवन दुग्गल ने विद्यार्थी मित्रों की सेवा सुरक्षित रखे जाने की मांग का समर्थन किया और गहलोत सरकार की संवेदनहीनता पर रोष व्यक्त किया। महापडाव पर बैठे सैकडों विद्यार्थी मित्रों ने कृषि उपज मण्डी के आगे राजमार्ग जाम करने का निर्णय किया। कलक्ट्री से रवाना हुई आंदोलनकारियों की रैली विभिन्न मार्गोü पर घूमती हुई संभागीय आयुक्त कार्यालय पर पहुंची। यहां हुई सभा में वक्ताओं ने खुलकर राज्य सरकार की आलोचना की। शाम के समय रतनगढ विधायक राजकुमार रैणवा ने भी महापडाव पर पहुंचकर विद्यार्थी मित्रों की मांगों का समर्थन किया। वे एक घंटे तक महापडाव स्थल पर रहे और मांग के सम्बन्ध में शिक्षामंत्री से बातचीत करने का आश्वासन दिया। वे रात को ही जयपुर के लिए रवाना हो गए। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव दानाराम पडिहार ने भी विद्यार्थी मित्रों की मांगों का समर्थन किया है। विद्यार्थी मित्रों के कलक्ट्री परिसर में जमावडे को देखते हुए जिला प्रशासन ने कुल 425 सुरक्षाकर्मियों को दिनभर तैनात रखा। इनमें आरएसी की दो कंपनियों और स्पेशल टास्क फोर्स की एक कंपनी के अलावा दो सौ पुलिसकर्मी भी शामिल थे। विद्यार्थी मित्रों की हर हलचल के साथ सुरक्षाकर्मी भी अपनी स्थिति बदल रहे थे। कलक्ट्री परिसर, रैली के रास्ते और संभागीय आयुक्त कार्यालय के सामने पुलिस को खासी मशक्कत करनी पडी। शाम ढलने तक विद्यार्थी मित्रों की हलचल और पुलिस की सक्रियता का यही आलम बना रहा।

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