भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

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मंगलवार, 24 जून 2014

दलितों और महिलाओं पर जुल्म रोकने में नाकामयाब ऊतर प्रदेश सरकार स्तीफा दे.

महिलाओं के बाद अब दलितों पर हमलाबर सामन्ती और पुलिस हमलाबरों को जेल भेजो- भाकपा. लखनऊ- भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव डा. गिरीश ने राज्य सरकार को कटघरे में खड़े करते हुए कहाकि अभी तक यह सरकार महिलाओं और बच्चियों से दरिंदगी और उनकी निर्मम हत्यायों को रोक पाने में तो पूरी तरह विफल रही अब इसके शासनकाल में दलितों पर सामन्ती और पुलिसिया दमन सारी सीमायें पार कर गये हैं. कल ही बाराबंकी के सतरिख थाने में गत माह हुई हत्या के सिलसिले में एक दलित श्री राम सुरेश और उसकी पत्नी कौशल्या को लाया गया और राम सुरेश को इस हद तक पीटा गया कि उसकी मौत होगयी. इतना ही नहीं उसकी लाश को बिना घरवालों को बताये मोर्चरी में लाकर रख दिया गया. इसी तरह हाथरस जनपद के सिकंदरा राऊ थानान्तर्गत एक गाँव में दबंगों ने एक दलित युवक को बेरहमी से पीटा और परिजनों के तमाम आग्रह के बाद भी घटना की रिपोर्ट नहीं लिखी गयी. हौसलाबुलंद सामंतों ने दलित के घर में आग लगा कर उसे जला कर ख़ाक कर दिया. अब बसपा- भाजपा , सपा जैसी पार्टियाँ मामले पर राजनैतिक रोटियां सेंक रही हैं. भाकपा ने अखिलेश सरकार से मांग की कि या तो वह इन जघन्य अपराधों को रोके या विदाई ले. डा. गिरीश.
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