भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

About The Author

Communist Party of India, U.P. State Council

Get The Latest News

Sign up to receive latest news

फ़ॉलोअर

रविवार, 22 फ़रवरी 2015

का. गोविन्द पंसारे को श्रध्दांजलि सभा- २३ फरबरी को ४.०० बजे भाकपा कार्यालय पर

लखनऊ- २२ फरबरी-२०१५ – महाराष्ट्र में भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता के विरुध्द संघर्षरत भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के केन्द्रीय सचिव मंडल के सचिव का. गोविन्द पंसारे की शहादत को नमन करने हेतु एक सार्वजनिक श्रध्दांजलि सभा दिनांक- २३ फरबरी २०१५ सोमवार को शाम ४.०० बजे भाकपा के राज्य कार्यालय, २२ कैसरबाग, लखनऊ में होगी. उपर्युक्त जानकारी यहाँ जारी एक प्रेस बयान में भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने दी. डा. गिरीश ने सभी से अपील की है कि वे इस श्रध्दांजली सभा में शामिल होकर फासीवाद और भ्रष्टाचार के खिलाफ संघर्ष के प्रति एकजुटता का इजहार करें और इसके विरुध्द संघर्ष का संकल्प लें. डा. गिरीश
»»  read more

शुक्रवार, 20 फ़रवरी 2015

भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ किसान सभा का संसद मार्च २४ फरबरी को. भाकपा ने किया समर्थन का ऐलान

लखनऊ- २० फरबरी २०१५ – मोदी सरकार द्वारा ३० दिसंबर २०१४ को लागू किये गए भूमि अधिग्रहण अध्यादेश को वापस लेने और उपजाऊ जमीनों की संरक्षा की मांग को लेकर वामपंथी किसान संगठनों द्वारा २४ फरबरी को किये जा रहे संसद मार्च को भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने अपना समर्थन प्रदान कर दिया है. भाकपा ने अपनी पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जिला इकाइयों को निर्देश दिया है कि वे इस आन्दोलन को बल प्रदान करने को २४ फरबरी को प्रातः बढ़ी संख्या में किसानों को लेकर जंतर मंतर दिल्ली पहुंचें. यहां जारी एक प्रेस बयान में भाकपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य एवं राज्य सचिव डा.गिरीश ने कहा कि भाकपा और वाम दल इस अध्यादेश के जारी किये जाने के दिन से ही इसका पुरजोर विरोध कर रहे हैं. इस अध्यादेश के जरिये मोदी सरकार ने २०१३ में संसद द्वारा पारित भूमि अधिग्रहण अधिनियम की जान ही निकाल दी है. इस अध्यादेश में किये गये प्रावधानों के जरिये सरकार किसानों की उपजाऊ जमीनों को बेरोकटोक अधिगृहीत कर सकती है और उसे बहुराष्ट्रीय कंपनियों, उद्योगपतियों और बिल्डरों को सौंप सकती है. इससे खेती, किसान और ग्रामीण मजदूरों और दस्तकारों को बड़े संकटों का सामना करना पड़ेगा. अतएव भाकपा इसका पुरजोर विरोध करती है और इसको वापस लेने की मांग करती है. डा.गिरीश ने बताया कि वामपंथी किसान संगठनों खासकर अ. भा. किसान सभा ने ३० जनवरी को सारे देश में धरने/प्रदर्शन कर इसका प्रबल विरोध किया था और अब किसान सभा की पहल पर २४ फरबरी को संयुक्त संसद मार्च का आयोजन किया जा रहा है. स्वागत योग्य है कि अब इस आन्दोलन में कई अन्य किसान संगठन, सामाजिक संगठन एवं अन्ना हजारे जैसी हस्तियाँ भी शामिल होरही हैं. भाकपा सभी किसान हितैषी संगठनों और शखसियतों से अपील करती है कि वे इस आन्दोलन को अपना समर्थन प्रदान करें और मोदी सरकार को इस अध्यादेश को वापस लेने को बाध्य करें. डा.गिरीश
»»  read more

सोमवार, 9 फ़रवरी 2015

भाकपा का राज्य सम्मेलन २८ फरबरी को रैली से शुरू होगा.

लखनऊ- ९ फरबरी २०१५ – भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी भूमि अधिग्रहण संबंधी अध्यादेश को रद्द किये जाने, श्रम कानूनों में बदलाब न किये जाने, महंगाई पर कारगर अंकुश लगाने, कालाधन वापस लाने, सांप्रदायिक कारगुजारियां बंद किये जाने जैसे केंद्र सरकार से जुड़े मुद्दों तथा बिजली चेकिंग के नाम पर आम जनता की लूट, किसानों के सामने बिजली खाद और पानी का संकट तथा उत्तर प्रदेश की ध्वस्त होचुकी कानून व्यवस्था जैसे राज्य सरकार से जुड़े सवालों पर आन्दोलन आन्दोलन छेड़ने जारही है. इस आन्दोलन की शुरुआत उपर्युक्त सवालों पर २८ फरबरी को इलाहाबाद में एक विशाल रैली के जरिये की जाएगी जिसमें इलाहाबाद के समीपस्थ जिलों के भाकपा कार्यकर्ता भाग लेंगे. भाकपा के २८ फरबरी से २ मार्च तक होने वाले २२ वें राज्य सम्मेलन में आन्दोलन को और भी व्यापक बनाने की रणनीति तैयार की जाएगी. रैली को भाकपा के केन्द्रीय सचिव का. शमीम फैजी, अ. भा. किसान सभा के महासचिव का. अतुल कुमार अनजान तथा भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश आदि नेतागण संबोधित करेंगे. भाकपा राज्य कार्यालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार इलाहाबाद में यह सम्मेलन हिन्दी साहित्य सम्मेलन के राजर्षि मंडपम में संपन्न होगा. स्वागत समिति रैली और सम्मेलन की तैयारियों में जुटी है. सम्मेलन में पूरे प्रदेश के चुने हुये लगभग तीन सौ प्रतिनिधि भाग लेंगे. राजनैतिक, सांगठनिक एवं गत तीन वर्षों के क्रियाकलापों से संबंधित तीन दस्तावेज विचार हेतु सम्मेलन के समक्ष पेश किये जायेंगे जिन पर गहन चर्चा के बाद उन्हें पारित किया जायेगा. तदुपरांत अगले तीन वर्षों के लिए नेत्रत्वकारी कमेटियों तथा राष्ट्रीय महाधिवेशन के लिए प्रतिनिधियों का चुनाव भी किया जायेगा.
»»  read more

बुधवार, 4 फ़रवरी 2015

बहुसंख्यक समुदाय को भड़काने को संघ परिवार ने शुरू किये नए हथकंडे

लखनऊ- ४ फरबरी, २०१५ – लव जिहाद, घर वापसी, हिन्दुओं को अधिक बच्चे पैदा करने की सलाह और संघ परिवार द्वारा इसी तरह के तमाम हथकंडों को बहुसंख्यक समाज द्वारा ठुकरा देने तथा मोदी के कथित करिश्मे की कलई खुलते जाने से हतप्रभ भाजपा और संघ परिवार ने अब सांप्रदायिक विभाजन के लिये नए नए हथकंडे अपनाना शुरू कर दिए हैं. अगर शासन स्तर से संघ की इन कारगुजारियों को बेनकाव कर कड़ी कार्यवाही नहीं की गयी तो सांप्रदायिक तत्व पटरी पर आरहे सांप्रदायिक सद्भाव को फिर खतरे में डाल देंगे. उपर्युक्त के संबन्ध में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के राज्य सचिव मंडल की ओर से जारी एक प्रेस बयान में पार्टी के राज्य सचिव डा. गिरीश ने बताया कि गत दिन बुलंदशहर जनपद के नरसैना थानान्तर्गत ऊंचा गांव तथा अमरगढ़ आदि ग्रामीण क्षेत्रो में इस तरह के पर्चे गुपचुप तरीके से बिखेरे गये जिनकी भाषा बेहद आपतिजनक थी. इनकी इबारत इस तरह से तैयार की गयी थी कि बहुसंख्यक समाज इन्हें अल्पसंख्यको द्वारा लिखा समझे और अल्पसंख्यक समाज के विरुध्द भड़क उठे. संतोष की बात है कि आम जनता इस करतूत को समझ गयी और सांप्रदायिकता भड़काने को की गयी इस घ्रणित कार्यवाही को विफल कर दिया. डा. गिरीश ने खुलासा किया कि पश्चिमी उत्तरप्रदेश को अपनी राजनैतिक प्रयोगशाला के तौर पर तैयार करने में जुटा संघ परिवार मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद यहाँ तमाम ऐसे विवादों को हवा देने में जुटा रहा है जिनसे दंगे भड़कें. लेकिन उन्हें इस काम में कामयावी नहीं मिली. उलटे भूमि अधिग्रहण अध्यादेश और अमेरिकी राष्ट्रपति की भारत यात्रा जैसे सवालों पर इस क्षेत्र में भाकपा तथा अन्य संगठनों ने यहां कई आन्दोलन किये हैं जिससे भाजपा अपने को जनता से कटता अनुभव कर रही है. अतएव जनता को फिर विभाजित करने को उसने अब नए हथकंडे चलाना शुरू कर दिया है. भाकपा ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह प्रदेश में खुफिया एजेंसियों को सक्रिय कर ऐसे तत्वों को चिन्हित करे और कड़ी कार्यवाही करे ताकि वे शांति को पलीता न लगा सकें. डा.गिरीश
»»  read more

रविवार, 1 फ़रवरी 2015

Vote for Left Party Candidates to have your representatives in Delhi Vidhan Sabha to raise your problems & issue inside Vidhan Sabha too!!

List of Left parties candidates in Delhi Assembly election 2015

Communist Party Of India (CPI)

Timarpur
              Snjeev Kumar Rana
Ballimaran           Abdul Jabbar
Palam                   Dalip Kumar
Trilokpuri             Khubi Ram
Krishna Nagar       Chandan Lal Premi


Communsit Party of India Maxsist (CPM)

Karawal Nagar   Ranjeet Tiwari
Dwarka                Premchand

CPI (ML) Libration

Narela                  Surendra
Wazirpur              Ajay Kumar Singh
Kondly                 Mala Devi

AIFB

Mundka               Rakesh Kuamr Sharma
Nagloi Jat            Hari Shanker Sharma

SUCI (C)

Badli                     Rakesh Kumar
Sader Bazar        Ritu Kaushik



»»  read more
Share |

लोकप्रिय पोस्ट

कुल पेज दृश्य