भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी का प्रकाशन पार्टी जीवन पाक्षिक वार्षिक मूल्य : 70 रुपये; त्रैवार्षिक : 200 रुपये; आजीवन 1200 रुपये पार्टी के सभी सदस्यों, शुभचिंतको से अनुरोध है कि पार्टी जीवन का सदस्य अवश्य बने संपादक: डॉक्टर गिरीश; कार्यकारी संपादक: प्रदीप तिवारी

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सोमवार, 1 अगस्त 2016

महंगाई और एफडीआई; दुराचार और गुंडाराज के खिलाफ भाकपा का प्रदेश भर में आंदोलन 17 अगस्त को

लखनऊ- 1 अगस्त 2016, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की उत्तर प्रदेश राज्य काउंसिल की दो दिवसीय बैठक यहां का. फूलचंद यादव की अध्यक्षता में संपन्न हुयी. बैठक में देश और उत्तर प्रदेश की राजनैतिक स्थिति पर रिपोर्ट राज्य सचिव डा. गिरीश और पार्टी द्वारा गत माहों में किये गये क्रियाकलापों और संगठन संबंधी रिपोर्ट सहसचिव का. अरविंदराज स्वरुप ने प्रस्तुत की. रिपोर्ट्स पर गहन चर्चा हुयी और उन्हें सर्वसम्मति से पारित किया गया. चर्चा में दो दर्जन साथियों ने भाग लिया. सहसचिव का. इम्तियाज़ अहमद पूर्व विधायक ने दिवंगत साथियों के लिये शोक प्रस्ताव रखा. बैठक में भाकपा के केंद्रीय सचिव मंडल के सदस्य का. अतुल कुमार सिंह अंजान भी दोनों दिन उपस्थित रहे. बैठक में उत्तर प्रदेश की जनता को हलकान कर रहे सवालों पर पार्टी द्वारा लगातार कई आंदोलन चलाने के निर्णय लिये गये. साथ ही आगामी विधान सभा चुनावों की तैयारियों को रफ्तार देने पर भी चर्चा की गयी. पार्टी की गतिविधियों को विस्तार देने हेतु आम जनता से फंड एकत्रित करने का निर्णय लिया गया तथा सांगठनिक कमजोरियों को दुरुस्त करने की योजना बनाई गयी. वामपंथी दलों के साथ चल रही संयुक्त कार्यवाहियों को और अधिक सुगठित तरीके से चलाने पर भी चर्चा हुयी. बैठक के फैसलों की जानकारी देते हुये भाकपा के राज्य सचिव डा. गिरीश ने कहा कि केंद्र सरकार की कारपोरेटपरस्त और आमजन विरोधी नीतियों के स्वरुप महंगाई ने अभूतपूर्व छलांग लगायी है. हालात यह हैं कि गरीब ही नहीं मध्यम वर्ग भी जरुरी चीजों की महंगाई से तिलामिला उठा है. मुद्रास्फीति बढी है. स्वदेशी की बात करने वाले संघ और भाजपा की सरकार ने संवेदनशील रक्षा क्षेत्र से लेकर फार्मास्यूटिकल्स तक 9 क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश(एफडीआई) को इजाजत दी है जिससे देश के उद्योग, व्यापार, खेती और चिकित्सा क्षेत्र को भारी हानि होने का रास्ता खुल गया है. बेरोजगारी बढेगी और देश की पूंजी का बढा भाग विदेशों को चला जायेगा. उन्होने कहाकि उत्तर प्रदेश सूखा से हलकान था ही अब पंगु होचुकी कानून व्यवस्था ने लोगों को स्तब्ध कर दिया है. गोवध का बहाना लेकर दलितों और अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जारहा है. उनको मारा पीटा जा रहा है, उनकी हत्यायें की जारही हैं और उन्हें उनके रोजगारों से बाहर धकेला जारहा है. मैनपुरी जनपद के सैफई जो प्रदेश के सत्ताधारी परिवार का विचरण क्षेत्र है, दलित दंपत्ति को कुल्हाडी से काट कर मार डाला. महिलाओं की आबरु और जान न घर में सुरक्षित है न घर के बाहर. बुलंदशहर में नेशनल हाईवे पर मां बेटी के साथ हुयी बदसलूकी की घटना ने सभी को अंदर तक हिला दिया है. भाजपा और संघ परिवार द्वारा बोये जहर और राज्य सरकार से मिली शह के चलते अल्पसंख्यकों को हर तरीके से आतंकित किया जा रहा है और प्रदेश में हर रोज कम से कम दर्जन भर सांप्रदायिक मुठभेडें हो रही हैं. श्री राम मनोहर लोहिया जी का चौखंभा राज का सपना उनके अनुयाइयों ने दंगाराज, गुंडाराज, दुष्कर्मराज और दरोगाराज के रुप में पूरा कर दिया है. किसानों को सूखे से हुयी हानि का मुआबजा और फसलों की बाजिव कीमत नहीं दी जारही है. बेरोजगारों को रोजगार नहीं और छात्रों को शिक्षा से वंचित किया जा रहा है. राशन विक्रेता दो रुपये किलो के सामान को ढाई रुपये किलो और तीन रुपये किलो के सामान को साढे तीन रुपये किलो की दर से सरे आम बेच रहे हैं. प्रति यूनिट 5 किलो राशन देने के बजाय सभी को केवल 20 किलो राशन ही दिया जा रहा है. साधन संपन्नों के राशन कार्ड बना दिये गय्रे हैं. आपूर्ति विभाग की मिली भगत से यह सब होरहा है. प्रशासन की मिली भगत से बीमा कंपनियां किसानों को चीट कर रही हैं. अतएव राज्य काउंसिल ने कमरतोड महंगाई, मुद्रास्फीति, एफडीआई, बेरोजगारी, महंगी शिक्षा, दलितों महिलाओं अल्पसंख्यकों पर अत्याचार, राशन और बीमा में भ्रष्टाचार के खिलाफ पूरे प्रदेश में 17 अगस्त को जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है. इससे पूर्व 9 अगस्त से 14 अगस्त के बीच गांव और शहरों में पदयात्रायें और साईकिल मार्च आयोजित कर जनजाग्रति अभियान चलाया जायेगा. भाकपा ने उपर्युक्त सवालों पर और सांप्रदायिकता के खिलाफ वामपंथी दलों द्वारा आयोजित किये जारहे संयुक्त क्षेत्रीय सम्मेलनों को सफल बनाने का संकल्प लिया. ये सम्मेलन 21 अगस्त को मुरादाबाद में, 28 अगस्त को वाराणसी में तथा 10 सितंबर को मथुरा में आयोजित किये जायेंगे. लखनऊ, मुजफ्फर नगर और फैज़ाबाद में पहले ही ऐसे सम्मेलन होचुके हैं. वाम अभियान को सुदृड बनाने को प्रदेश के वामपंथी दलों की एक बैठक 3 अगस्त को लखनऊ में आयोजित करने का निश्चय भी किया गया है. अपने सभी अभियानों को चलाने हेतु भाकपा 1 सितंबर से 10 सितंबर तक जनता से आर्थिक सहयोग मांगने को सडकों पर उतरेगी. भाकपा ने उत्तर प्रदेश के भावी चुनावी परिदृश्य की समीक्षा की और इस परिदृश्य में भाकपा और वामपंथ की प्रासंगिकता तथा जनहित में आगामी विधान सभा में भाकपा और वामपंथ के प्रवेश को जरूरी मानते हुये चुनावी तैयारियों की रुपरेखा तैयार की. इस उद्देश्य से जिला काउंसिलों की बैठकें अगस्त माह में की जायेंगी और चयनित विधान सभा क्षेत्रों में कार्यकर्ता बैठकें तथा आमसभा आयोजित की जायेंगी. जनता से अपील की जायेगी कि वह जाति धर्म की चहारदीवारी से बाहर आकर जनता के मुद्दों पर राजनीति करने वाली भाकपा और वामपंथ को अपनी प्राथमिकता बनायें. पार्टी काउंसिल ने अगस्त और सितंबर माहों में शाखाओं के सम्मेलन आयोजित करने का निर्देश जिला इकाइयों को दिया है. डा. गिरीश
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